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Kuchch Aur Algoo, Kuchch Aur Jumman: Premchand Ki Sampradayikta Virodhi Kahaniyan (Hindi) (Paperback)

Kuchch Aur Algoo, Kuchch Aur Jumman: Premchand Ki Sampradayikta Virodhi Kahaniyan (Hindi) (Paperback)

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ऐसे समय जब कहा जा रहा है कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग संसार हैं, ये कहानियां बताती हैं कि दोनों एक ही मिट्टी में पले-बढ़े हैं और एक-दूसरे में घुले-मिले हैं। आज जब इस्लाम को कट्टर और बर्बर साबित करने का अभियान चल पड़ा है, ये मुस्लिम नायकों की उदारता, क्षमाशीलता और विनयशीलता को सामने लाती हैं। इस संकलन में प्रेमचंद की कुछ बेहद चर्चित और कुछ ऐसी कहानियां भी हैं, जिन पर अब तक कम ध्यान गया है। इनके हिंदू-मुसलमान पात्रों के सुख-दुख समान हैं, उनके सरोकार एक हैं। वे एक सामान्य नागरिक की तरह रोजमर्रा की ज़िंदगी की मुश्किलें झेलते हैं। लेकिन सियासी स्वार्थ के लिए जब उनके मन-मस्तिष्क में सांप्रदायिकता का ज़हर भरा जाता है, तब वे आपस में लड़ने-भिड़ने भी लगते हैं पर आख़िरकार उन्हें इसकी व्यर्थता का अहसास होता है। ये मनुष्यता को प्रतिष्ठित करने वाली कहानियां हैं।

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