Hindi Cinema Ki Bhooli Bisri Vibhootiyan
Hindi Cinema Ki Bhooli Bisri Vibhootiyan
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Winner of 63rd National Film Awards 2015 "सतीश चोपड़ा की यह पुस्तक गहरे लगाव और किस्से कहानियों से भरी है और हिंदी फिल्म संगीत के शुरुआती फनकारों से हमारा परिचय कराती है. एक समर्पित संगीतप्रेमी के नज़रिये से लिखी गई यह किताब पढ़ने वालों को दोबारा उन क्लासिक्स के मोह में बांध लेती है." "में इस पुस्तक को पढ़ कर पूरी तरह से आत्म-विभोर होगया. पुस्तक में जिन महान कलाकारों, संगीतकारों, और फिल्म से जुड़े विराट व्यक्तियों को लेखक ने चुना है, उनमे से कुंदन लाल सहगल और पंकज मालिक से तो मेरा परिचय 6 साल की आयु में हो गया, जब पहली बार हमारे घर मई ग्राममोफोने आया था और इन दोनों की आवाज़ों ने मेरे जीवन में एक दिव्य रौशनी डाली और मुझे रेडियो ब्राडकास्टिंग के छेत्र में काम करने के लिए प्रेरित किया गाय. जिन महान विभूतियों का समावेश इस पुस्तक में किया है, उनमे अनिल बिस्वास, नौशाद, केदार शर्मा, रोशन, नूतन और शैलेन्द्र से मेरे अंतिम सम्बन्ध हैं और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. पुस्तक के लेखक ने जिस शिद्दत से इनके बारे में लिखा है उसके लिए पुस्तक के लेखक सतीश चोपड़ा को मैं सलाम करता हूँ."
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