Bharatiya Rastravada : Rastravada Ka Avadharanatmaka (Hindi) (Paperback)
Bharatiya Rastravada : Rastravada Ka Avadharanatmaka (Hindi) (Paperback)
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इस पुस्तक में राष्ट्रवाद की पश्चिमी एवं भारतीय अवधारणा के अनुसार व्याख्या की गई है तथा दोनों में अन्तर्विरोधों एवं विशिष्टताओं को रेखांकित किया गया है। पश्चिम में परिप्रेक्ष्य रहित व्यक्ति की अवधारणा पर आधारित राष्ट्रवाद राजनीतिक राष्ट्रवाद के रूप में ही क्यों परिणत होता है और वह मानवतावाद के विरुद्ध क्यों प्रवृत्त हैए यह इस पुस्तक का प्रथम प्रतिपाद्य विषय है। अद्वैत दर्शन पर आधारित सर्वात्मवादी राष्ट्रवाद मानवतावाद की ओर कैसे अग्रसर होता है यह पुस्तक का दूसरा प्रतिपाद्य विषय है। राष्ट्रवाद के प्रायः सभी प्रभावी विमर्शों की चर्चा के साथ-साथ यह पुस्तक भारतीय राष्ट्रवाद का एक अवधारणात्मक विमर्श प्रस्तुत करती हैए जिसे सर्वात्मवादी राष्ट्रवाद का नाम दिया गया है। इस पुस्तक में आधुनिकता को भारत विभाजन के मुख्य कारण के रूप में स्थापित किया गया है।
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