Ab Ishwar Nahi Bolta - Paperback
Ab Ishwar Nahi Bolta - Paperback
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About the Book:-कविता क्या और क्यों का सटीक और प्रामाणिक उत्तर वरिष्ठ कवि प्रभुनारायण श्रीवास्तव का नया काव्य संकलन - ‘अब ईश्वर नहीं बोलता’ के पढ़ने के बाद स्वतः मिल जाता है। कवि ने जीवन के हर क्षेत्र में पाई जाने वाली विसंगतियों पर प्रहार किया है और इस तरह किया है कि हम असहज हो उठते है पर असहमत नहीं। वह समुन्दरों की भी तलाशी लेता है और इस तरह तराश कर रख देता है हमारी लुकी छिपी अपावन वृत्तियों को कि ‘‘हम बंधे बधाये रास्तों को छोड़कर एकदम दूसरी तरह के आदमी हो जाते हैं।’’ संकलन की कविताओं में अर्थ वैभव और अर्थ की उड़ान देखने लायक है। साधारण से साधारण पाठक कविता की सारी खूबियों को ग्रहण कर लेता है, न कहीं उलझन न कहीं दुरूहता। हमको मालूम नहीं होता कि कविता कब हमारे मन को पार कर अवचेतन को सम्पन्न कर गई। यही प्रभुनारायण श्रीवास्तव की कविताओं को विशिष्ट बना देती है। समकालीन कविताओं में एक टटकापन, एक नई खुशबू लेकर आया है कवि। बेहद कीमती कविताओं का संकलन है ‘अब ईश्वर नहीं बोलता।’
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