Gramin Haryana Me Ghunghat Pratha: Badalte Swaroop - 1880 Se Maujuda Daur Tak
Gramin Haryana Me Ghunghat Pratha: Badalte Swaroop - 1880 Se Maujuda Daur Tak
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गहन शोध पर आधारित इस पुस्तक में पिछले करीब सवा सौ साल के आर-पार वर्तमान हरियाणा की महिलाओं में प्रचलित घूँघट प्रथा का जायज़ा लिया गया है। पितृसत्तात्मक सामाजिक ढांचे के दायरे में महिला-पुरुष सम्बन्धों के लगातार बदलते समीकरणों का भी विश्लेषण किया गया है जो प्रदेश की भौगोलिक तथा निरन्तर बदलती सामाजिक-सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, आर्थिक, राजनैतिक परिस्थितियों को अपने संज्ञान में लेता है। इस सब के केन्द्र में, घूँघट प्रथा के बन्धनों के बीच रहते हुए उन से जूझती और अपने स्वतन्त्र अस्तित्व के लिए रास्ते तलाशती महिला है। घूँघट की मजबूरियों के बीच जी रही महिला की स्थिति का चित्रण मौखिक इतिहास, लोक-साहित्य, लोक-रीतियों एवं परम्पराओं के आलोक में साक्षात्कारों, लोकोक्तियों, लोक-गीतों, लोक-कथाओं, प्रचलित कहावतों आदि का भरपूर प्रयोग करते हुए किया गया है।
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